5وَأَنّا ظَنَنّا أَن لَن تَقولَ الإِنسُ وَالجِنُّ عَلَى اللَّهِ كَذِبًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर ये कि हमारा तो ख्याल था कि आदमी और जिन ख़ुदा की निस्बत झूठी बात नहीं बोल सकते