22قُل إِنّي لَن يُجيرَني مِنَ اللَّهِ أَحَدٌ وَلَن أَجِدَ مِن دونِهِ مُلتَحَدًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकहो, "अल्लाह के मुक़ाबले में मुझे कोई पनाह नहीं दे सकता और न मैं उससे बचकर कतराने की कोई जगह पा सकता हूँ। -