21قُل إِنّي لا أَملِكُ لَكُم ضَرًّا وَلا رَشَدًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ये भी) कह दो कि मैं तुम्हारे हक़ में न बुराई ही का एख्तेयार रखता हूँ और न भलाई का