2يَهدي إِلَى الرُّشدِ فَآمَنّا بِهِ ۖ وَلَن نُشرِكَ بِرَبِّنا أَحَدًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"जो भलाई और सूझ-बूझ का मार्ग दिखाता है, अतः हम उसपर ईमान ले आए, और अब हम कदापि किसी को अपने रब का साझी नहीं ठहराएँगे