12وَأَنّا ظَنَنّا أَن لَن نُعجِزَ اللَّهَ فِي الأَرضِ وَلَن نُعجِزَهُ هَرَبًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर ये कि हम समझते थे कि हम ज़मीन में (रह कर) ख़ुदा को हरगिज़ हरा नहीं सकते हैं और न भाग कर उसको आजिज़ कर सकते हैं