5قالَ رَبِّ إِنّي دَعَوتُ قَومي لَيلًا وَنَهارًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(जब लोगों ने न माना तो) अर्ज़ की परवरदिगार मैं अपनी क़ौम को (ईमान की तरफ) बुलाता रहा