28رَبِّ اغفِر لي وَلِوالِدَيَّ وَلِمَن دَخَلَ بَيتِيَ مُؤمِنًا وَلِلمُؤمِنينَ وَالمُؤمِناتِ وَلا تَزِدِ الظّالِمينَ إِلّا تَبارًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीपरवरदिगार मुझको और मेरे माँ बाप को और जो मोमिन मेरे घर में आए उनको और तमाम ईमानदार मर्दों और मोमिन औरतों को बख्श दे और (इन) ज़ालिमों की बस तबाही को और ज्यादा कर