21قالَ نوحٌ رَبِّ إِنَّهُم عَصَوني وَاتَّبَعوا مَن لَم يَزِدهُ مالُهُ وَوَلَدُهُ إِلّا خَسارًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(फिर) नूह ने अर्ज़ की परवरदिगार इन लोगों ने मेरी नाफ़रमानी की उस शख़्श के ताबेदार बन के जिसने उनके माल और औलाद में नुक़सान के सिवा फ़ायदा न पहुँचाया