13ما لَكُم لا تَرجونَ لِلَّهِ وَقارًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतुम्हें क्या हो गया है कि तुम ख़ुदा की अज़मत का ज़रा भी ख्याल नहीं करते