40فَلا أُقسِمُ بِرَبِّ المَشارِقِ وَالمَغارِبِ إِنّا لَقادِرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो मैं मशरिकों और मग़रिबों के परवरदिगार की क़सम खाता हूँ कि हम ज़रूर इस बात की कुदरत रखते हैं