29وَالَّذينَ هُم لِفُروجِهِم حافِظونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जो लोग अपनी शर्मगाहों को अपनी बीवियों और अपनी लौन्डियों के सिवा से हिफाज़त करते हैं