79فَتَوَلّىٰ عَنهُم وَقالَ يا قَومِ لَقَد أَبلَغتُكُم رِسالَةَ رَبّي وَنَصَحتُ لَكُم وَلٰكِن لا تُحِبّونَ النّاصِحينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर वह यह कहता हुआ उनके यहाँ से फिरा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगों! मैं तो तुम्हें अपने रब का संदेश पहुँचा चुका और मैंने तुम्हारा हित चाहा। परन्तु तुम्हें अपने हितैषी पसन्द ही नहीं आते।"