51الَّذينَ اتَّخَذوا دينَهُم لَهوًا وَلَعِبًا وَغَرَّتهُمُ الحَياةُ الدُّنيا ۚ فَاليَومَ نَنساهُم كَما نَسوا لِقاءَ يَومِهِم هٰذا وَما كانوا بِآياتِنا يَجحَدونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउनके लिए जिन्होंने अपना धर्म खेल-तमाशा ठहराया और जिन्हें सांसारिक जीवन ने धोखे में डाल दिया, तो आज हम भी उन्हें भुला देंगे, जिस प्रकार वे अपने इस दिन की मुलाक़ात को भूले रहे और हमारी आयतों का इनकार करते रहे