46وَبَينَهُما حِجابٌ ۚ وَعَلَى الأَعرافِ رِجالٌ يَعرِفونَ كُلًّا بِسيماهُم ۚ وَنادَوا أَصحابَ الجَنَّةِ أَن سَلامٌ عَلَيكُم ۚ لَم يَدخُلوها وَهُم يَطمَعونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर इन दोनों के मध्य एक ओट होगी। और ऊँचाइयों पर कुछ लोग होंगे जो प्रत्येक को उसके लक्षणों से पहचानते होंगे, और जन्नतवालों से पुकारकर कहेंगे, "तुम पर सलाम है।" वे अभी जन्नत में प्रविष्ट तो नहीं हुए होंगे, यद्यपि वे आस लगाए होंगे