34وَلِكُلِّ أُمَّةٍ أَجَلٌ ۖ فَإِذا جاءَ أَجَلُهُم لا يَستَأخِرونَ ساعَةً ۖ وَلا يَستَقدِمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदप्रत्येक समुदाय के लिए एक नियत अवधि है। फिर जब उसका नियत समय आ जाता है, तो एक घड़ी भर न पीछे हट सकते है और न आगे बढ़ सकते है