202وَإِخوانُهُم يَمُدّونَهُم فِي الغَيِّ ثُمَّ لا يُقصِرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर उन (शैतानों) के भाई उन्हें गुमराही में खींचे लिए जाते हैं, फिर वे कोई कमी नहीं करते