197وَالَّذينَ تَدعونَ مِن دونِهِ لا يَستَطيعونَ نَصرَكُم وَلا أَنفُسَهُم يَنصُرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदरहे वे जिन्हें तुम उसको छोड़कर पुकारते हो, वे तो तुम्हारी, सहायता करने की सामर्थ्य रखते है और न स्वयं अपनी ही सहायता कर सकते है