177ساءَ مَثَلًا القَومُ الَّذينَ كَذَّبوا بِآياتِنا وَأَنفُسَهُم كانوا يَظلِمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदबुरे है मिसाल की दृष्टि से वे लोग, जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया और वे स्वयं अपने ही ऊपर अत्याचार करते रहे