171۞ وَإِذ نَتَقنَا الجَبَلَ فَوقَهُم كَأَنَّهُ ظُلَّةٌ وَظَنّوا أَنَّهُ واقِعٌ بِهِم خُذوا ما آتَيناكُم بِقُوَّةٍ وَاذكُروا ما فيهِ لَعَلَّكُم تَتَّقونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर याद करो जब हमने पर्वत को हिलाया, जो उनके ऊपर था। मानो वह कोई छत्र हो और वे समझे कि बस वह उनपर गिरा ही चाहता है, "थामो मज़बूती से, जो कुछ हमने दिया है। और जो कुछ उसमें है उसे याद रखो, ताकि तुम बच सको।"