ثُمَّ لَآتِيَنَّهُم مِن بَينِ أَيديهِم وَمِن خَلفِهِم وَعَن أَيمانِهِم وَعَن شَمائِلِهِم ۖ وَلا تَجِدُ أَكثَرَهُم شاكِرينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
"फिर उनके आगे और उनके पीछे और उनके दाएँ और उनके बाएँ से उनके पास आऊँगा। और तू उनमें अधिकतर को कृतज्ञ न पाएगा।"