166فَلَمّا عَتَوا عَن ما نُهوا عَنهُ قُلنا لَهُم كونوا قِرَدَةً خاسِئينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर जब वे सरकशी के साथ वही कुछ करते रहे, जिससे उन्हें रोका गया था तो हमने उनसे कहा, "बन्दर हो जाओ, अपमानित और तिरस्कृत!"