161وَإِذ قيلَ لَهُمُ اسكُنوا هٰذِهِ القَريَةَ وَكُلوا مِنها حَيثُ شِئتُم وَقولوا حِطَّةٌ وَادخُلُوا البابَ سُجَّدًا نَغفِر لَكُم خَطيئَاتِكُم ۚ سَنَزيدُ المُحسِنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयाद करो जब उनसे कहा गया, "इस बस्ती में रहो-बसो और इसमें जहाँ से चाहो खाओ और कहो - हित्ततुन। और द्वार में सजदा करते हुए प्रवेश करो। हम तुम्हारी ख़ताओं को क्षमा कर देंगे और हम सुकर्मी लोगों को अधिक भी देंगे।"