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Sura 7
Aya 147
147
وَالَّذينَ كَذَّبوا بِآياتِنا وَلِقاءِ الآخِرَةِ حَبِطَت أَعمالُهُم ۚ هَل يُجزَونَ إِلّا ما كانوا يَعمَلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जिन लोगों ने हमारी आयतों को और आख़िरत के मिलन को झूठा जाना, उनका तो सारा किया-धरा उनकी जान को लागू हुआ। जो कुछ वे करते रहे क्या उसके सिवा वे किसी और चीज़ का बदला पाएँगे?