135فَلَمّا كَشَفنا عَنهُمُ الرِّجزَ إِلىٰ أَجَلٍ هُم بالِغوهُ إِذا هُم يَنكُثونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकिन्तु जब हम उनपर से यातना को एक नियत समय के लिए जिस तक वे पहुँचनेवाले ही थे, हटा लेते तो क्या देखते कि वे वचन-भंग करने लग गए