32ثُمَّ في سِلسِلَةٍ ذَرعُها سَبعونَ ذِراعًا فَاسلُكوهُफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"फिर उसे एक ऐसी जंजीर में जकड़ दो जिसकी माप सत्तर हाथ है