18يَومَئِذٍ تُعرَضونَ لا تَخفىٰ مِنكُم خافِيَةٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउस दिन तुम लोग पेश किए जाओगे, तुम्हारी कोई छिपी बात छिपी न रहेगी