46أَم تَسأَلُهُم أَجرًا فَهُم مِن مَغرَمٍ مُثقَلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) क्या तुम उनसे (तबलीग़े रिसालत का) कुछ सिला माँगते हो कि उन पर तावान का बोझ पड़ रहा है