39أَم لَكُم أَيمانٌ عَلَينا بالِغَةٌ إِلىٰ يَومِ القِيامَةِ ۙ إِنَّ لَكُم لَما تَحكُمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीया तुमने हमसे क़समें ले रखी हैं जो रोज़े क़यामत तक चली जाएगी कि जो कुछ तुम हुक्म दोगे वही तुम्हारे लिए ज़रूर हाज़िर होगा