15إِذا تُتلىٰ عَلَيهِ آياتُنا قالَ أَساطيرُ الأَوَّلينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजब उसके सामने हमारी आयतें पढ़ी जाती हैं तो बोल उठता है कि ये तो अगलों के अफ़साने हैं