6سَواءٌ عَلَيهِم أَستَغفَرتَ لَهُم أَم لَم تَستَغفِر لَهُم لَن يَغفِرَ اللَّهُ لَهُم ۚ إِنَّ اللَّهَ لا يَهدِي القَومَ الفاسِقينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउनके लिए बराबर है चाहे तुम उनके किए क्षमा की प्रार्थना करो या उनके लिए क्षमा की प्रार्थना न करो। अल्लाह उन्हें कदापि क्षमा न करेगा। निश्चय ही अल्लाह अवज्ञाकारियों को सीधा मार्ग नहीं दिखाया करता