You are here: Home » Chapter 63 » Verse 4 » Translation
Sura 63
Aya 4
4
۞ وَإِذا رَأَيتَهُم تُعجِبُكَ أَجسامُهُم ۖ وَإِن يَقولوا تَسمَع لِقَولِهِم ۖ كَأَنَّهُم خُشُبٌ مُسَنَّدَةٌ ۖ يَحسَبونَ كُلَّ صَيحَةٍ عَلَيهِم ۚ هُمُ العَدُوُّ فَاحذَرهُم ۚ قاتَلَهُمُ اللَّهُ ۖ أَنّىٰ يُؤفَكونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

तुम उन्हें देखते हो तो उनके शरीर (बाह्य रूप) तुम्हें अच्छे लगते है, औरयदि वे बात करें तो उनकी बात तुम सुनते रह जाओ। किन्तु यह ऐसा ही है मानो वे लकड़ी के कुंदे है, जिन्हें (दीवार के सहारे) खड़ा कर दिया गया हो। हर ज़ोर की आवाज़ को वे अपने ही विरुद्ध समझते है। वही वास्तविक शत्रु हैं, अतः उनसे बचकर रहो। अल्लाह की मार उनपर। वे कहाँ उल्टे फिरे जा रहे है!