2يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا لِمَ تَقولونَ ما لا تَفعَلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऐ ईमान लानेवालो! तुम वह बात क्यों कहते हो जो करते नहीं?