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Sura 6
Aya 94
94
وَلَقَد جِئتُمونا فُرادىٰ كَما خَلَقناكُم أَوَّلَ مَرَّةٍ وَتَرَكتُم ما خَوَّلناكُم وَراءَ ظُهورِكُم ۖ وَما نَرىٰ مَعَكُم شُفَعاءَكُمُ الَّذينَ زَعَمتُم أَنَّهُم فيكُم شُرَكاءُ ۚ لَقَد تَقَطَّعَ بَينَكُم وَضَلَّ عَنكُم ما كُنتُم تَزعُمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और निश्चय ही तुम उसी प्रकार एक-एक करके हमारे पास आ गए, जिस प्रकार हमने तुम्हें पहली बार पैदा किया था। और जो कुछ हमने तुम्हें दे रखा था, उसे अपने पीछे छोड़ आए और हम तुम्हारे साथ तुम्हारे उन सिफ़ारिशियों को भी नहीं देख रहे हैं, जिनके विषय में तुम दावे से कहते थे, "वे तुम्हारे मामले में शरीक है।" तुम्हारे पारस्परिक सम्बन्ध टूट चुके है और वे सब तुमसे गुम होकर रह गए, जो दावे तुम किया करते थे