88ذٰلِكَ هُدَى اللَّهِ يَهدي بِهِ مَن يَشاءُ مِن عِبادِهِ ۚ وَلَو أَشرَكوا لَحَبِطَ عَنهُم ما كانوا يَعمَلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयह अल्लाह का मार्गदर्शन है, जिसके द्वारा वह अपने बन्दों में से जिसको चाहता है मार्ग दिखाता है, और यदि उन लोगों ने कहीं अल्लाह का साझी ठहराया होता, तो उनका सब किया-धरा अकारथ हो जाता