7وَلَو نَزَّلنا عَلَيكَ كِتابًا في قِرطاسٍ فَلَمَسوهُ بِأَيديهِم لَقالَ الَّذينَ كَفَروا إِن هٰذا إِلّا سِحرٌ مُبينٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (ऐ रसूल) अगर हम कागज़ पर (लिखी लिखाई) किताब (भी) तुम पर नाज़िल करते और ये लोग उसे अपने हाथों से छू भी लेते फिर भी कुफ्फार (न मानते और) कहते कि ये तो बस खुला हुआ जादू है