64قُلِ اللَّهُ يُنَجّيكُم مِنها وَمِن كُلِّ كَربٍ ثُمَّ أَنتُم تُشرِكونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकहो, "अल्लाह तुम्हें इनसे और हरके बेचैनी और पीड़ा से छुटकारा देता है, लेकिन फिर तुम उसका साझीदार ठहराने लगते हो।"