63قُل مَن يُنَجّيكُم مِن ظُلُماتِ البَرِّ وَالبَحرِ تَدعونَهُ تَضَرُّعًا وَخُفيَةً لَئِن أَنجانا مِن هٰذِهِ لَنَكونَنَّ مِنَ الشّاكِرينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) उनसे पूछो कि तुम ख़ुश्की और तरी के (घटाटोप) ऍधेरों से कौन छुटकारा देता है जिससे तुम गिड़ गिड़ाकर और (चुपके) दुआएं मॉगते हो कि अगर वह हमें (अब की दफ़ा) उस (बला) से छुटकारा दे तो हम ज़रुर उसके शुक्र गुज़ार (बन्दे होकर) रहेगें