60وَهُوَ الَّذي يَتَوَفّاكُم بِاللَّيلِ وَيَعلَمُ ما جَرَحتُم بِالنَّهارِ ثُمَّ يَبعَثُكُم فيهِ لِيُقضىٰ أَجَلٌ مُسَمًّى ۖ ثُمَّ إِلَيهِ مَرجِعُكُم ثُمَّ يُنَبِّئُكُم بِما كُنتُم تَعمَلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर वही है जो रात को तुम्हें मौत देता है और दिन में जो कुछ तुमने किया उसे जानता है। फिर वह इसलिए तुम्हें उठाता है, ताकि निश्चित अवधि पूरा हो जाए; फिर उसी की ओर तुम्हें लौटना है, फिर वह तुम्हें बता देगा जो कुछ तुम करते रहे हो