58قُل لَو أَنَّ عِندي ما تَستَعجِلونَ بِهِ لَقُضِيَ الأَمرُ بَيني وَبَينَكُم ۗ وَاللَّهُ أَعلَمُ بِالظّالِمينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकह दो, "जिस चीज़ की तुम्हें जल्दी पड़ी हुई है, यदि कहीं वह चीज़ मेरे पास होती तो मेरे और तुम्हारे बीच कभी का फ़ैसला हो चुका होता। और अल्लाह अत्याचारियों को भली-भाती जानता है।"