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Sura 6
Aya 52
52
وَلا تَطرُدِ الَّذينَ يَدعونَ رَبَّهُم بِالغَداةِ وَالعَشِيِّ يُريدونَ وَجهَهُ ۖ ما عَلَيكَ مِن حِسابِهِم مِن شَيءٍ وَما مِن حِسابِكَ عَلَيهِم مِن شَيءٍ فَتَطرُدَهُم فَتَكونَ مِنَ الظّالِمينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (ऐ रसूल) जो लोग सुबह व शाम अपने परवरदिगार से उसकी ख़ुशनूदी की तमन्ना में दुऑए मॉगा करते हैं- उनको अपने पास से न धुत्कारो-न उनके (हिसाब किताब की) जवाब देही कुछ उनके ज़िम्मे है ताकि तुम उन्हें (इस ख्याल से) धुत्कार बताओ तो तुम ज़ालिम (के शुमार) में हो जाओगे