4وَما تَأتيهِم مِن آيَةٍ مِن آياتِ رَبِّهِم إِلّا كانوا عَنها مُعرِضينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहाल यह है कि उनके रब की निशानियों में से कोई निशानी भी उनके पास ऐसी नहीं आई, जिससे उन्होंने मुँह न मोड़ लिया हो