38وَما مِن دابَّةٍ فِي الأَرضِ وَلا طائِرٍ يَطيرُ بِجَناحَيهِ إِلّا أُمَمٌ أَمثالُكُم ۚ ما فَرَّطنا فِي الكِتابِ مِن شَيءٍ ۚ ثُمَّ إِلىٰ رَبِّهِم يُحشَرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदधरती में चलने-फिरनेवाला कोई भी प्राणी हो या अपने दो परो से उड़नवाला कोई पक्षी, ये सब तुम्हारी ही तरह के गिरोह है। हमने किताब में कोई भी चीज़ नहीं छोड़ी है। फिर वे अपने रब की ओर इकट्ठे किए जाएँगे