32وَمَا الحَياةُ الدُّنيا إِلّا لَعِبٌ وَلَهوٌ ۖ وَلَلدّارُ الآخِرَةُ خَيرٌ لِلَّذينَ يَتَّقونَ ۗ أَفَلا تَعقِلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदसांसारिक जीवन तो एक खेल और तमाशे (ग़फलत) के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है जबकि आख़िरत का घर उन लोगों के लिए अच्छा है, जो डर रखते है। तो क्या तुम बुद्धि से काम नहीं लेते?