23ثُمَّ لَم تَكُن فِتنَتُهُم إِلّا أَن قالوا وَاللَّهِ رَبِّنا ما كُنّا مُشرِكينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीफिर उनकी कोई शरारत (बाक़ी) न रहेगी बल्कि वह तो ये कहेगें क़सम है उस ख़ुदा की जो हमारा पालने वाला है हम किसी को उसका शरीक नहीं बनाते थे