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Sura 6
Aya 20
20
الَّذينَ آتَيناهُمُ الكِتابَ يَعرِفونَهُ كَما يَعرِفونَ أَبناءَهُمُ ۘ الَّذينَ خَسِروا أَنفُسَهُم فَهُم لا يُؤمِنونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

मै तो उनसे बेज़र हूँ जिन लोगों को हमने किताब अता फरमाई है (यहूद व नसारा) वह तो जिस तरह अपने बाल बच्चों को पहचानते है उसी तरह उस नबी (मोहम्मद) को भी पहचानते हैं (मगर) जिन लोगों ने अपना आप नुक़सान किया वह तो (किसी तरह) ईमान न लाएंगें