159إِنَّ الَّذينَ فَرَّقوا دينَهُم وَكانوا شِيَعًا لَستَ مِنهُم في شَيءٍ ۚ إِنَّما أَمرُهُم إِلَى اللَّهِ ثُمَّ يُنَبِّئُهُم بِما كانوا يَفعَلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिन लोगों ने अपने धर्म के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और स्वयं गिरोहों में बँट गए, तुम्हारा उनसे कोई सम्बन्ध नहीं। उनका मामला तो बस अल्लाह के हवाले है। फिर वह उन्हें बता देगा जो कुछ वे किया करते थे