15قُل إِنّي أَخافُ إِن عَصَيتُ رَبّي عَذابَ يَومٍ عَظيمٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) तुम कहो कि अगर मैं नाफरमानी करुँ तो बेशक एक बड़े (सख्त) दिल के अज़ाब से डरता हूँ