You are here: Home » Chapter 6 » Verse 148 » Translation
Sura 6
Aya 148
148
سَيَقولُ الَّذينَ أَشرَكوا لَو شاءَ اللَّهُ ما أَشرَكنا وَلا آباؤُنا وَلا حَرَّمنا مِن شَيءٍ ۚ كَذٰلِكَ كَذَّبَ الَّذينَ مِن قَبلِهِم حَتّىٰ ذاقوا بَأسَنا ۗ قُل هَل عِندَكُم مِن عِلمٍ فَتُخرِجوهُ لَنا ۖ إِن تَتَّبِعونَ إِلَّا الظَّنَّ وَإِن أَنتُم إِلّا تَخرُصونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

अनक़रीब मुशरेकीन कहेंगें कि अगर ख़ुदा चाहता तो न हम लोग शिर्क करते और न हमारे बाप दादा और न हम कोई चीज़ अपने ऊपर हराम करते उसी तरह (बातें बना बना के) जो लोग उनसे पहले हो गुज़रे हैं (पैग़म्बरों को) झुठलाते रहे यहाँ तक कि उन लोगों ने हमारे अज़ाब (के मज़े)े को चख़ा (ऐ रसूल) तुम कहो कि तुम्हारे पास कोई दलील है (अगर है) तो हमारे (दिखाने के) वास्ते उसको निकालो (दलील तो क्या) पेश करोगे तुम लोग तो सिर्फ अपने ख्याल ख़ाम की पैरवी करते हो और सिर्फ अटकल पच्चू बातें करते हो