وَمِنَ الإِبِلِ اثنَينِ وَمِنَ البَقَرِ اثنَينِ ۗ قُل آلذَّكَرَينِ حَرَّمَ أَمِ الأُنثَيَينِ أَمَّا اشتَمَلَت عَلَيهِ أَرحامُ الأُنثَيَينِ ۖ أَم كُنتُم شُهَداءَ إِذ وَصّاكُمُ اللَّهُ بِهٰذا ۚ فَمَن أَظلَمُ مِمَّنِ افتَرىٰ عَلَى اللَّهِ كَذِبًا لِيُضِلَّ النّاسَ بِغَيرِ عِلمٍ ۗ إِنَّ اللَّهَ لا يَهدِي القَومَ الظّالِمينَ
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
अगर तुम सच्चे हो तो ज़रा समझ के मुझे बताओ और ऊँट के (नर मादा) दो और गाय के (नर मादा) दो (ऐ रसूल तुम उनसे) पूछो कि ख़ुदा ने उन दोनों (ऊँट गाय के) नरों को हराम किया या दोनों मादनियोंको या उस बच्चे को जो दोनों मादनियों के पेट अपने अन्दर लिये हुए है क्या जिस वक्त ख़ुदा ने तुमको उसका हुक्म दिया था तुम उस वक्त मौजूद थे फिर जो ख़ुदा पर झूठ बोताहन बॉधे उससे ज्यादा ज़ालिम कौन होगा ताकि लोगों के वे समझे बूझे गुमराह करें ख़ुदा हरगिज़ ज़ालिम क़ौम में मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुचाता