133وَرَبُّكَ الغَنِيُّ ذُو الرَّحمَةِ ۚ إِن يَشَأ يُذهِبكُم وَيَستَخلِف مِن بَعدِكُم ما يَشاءُ كَما أَنشَأَكُم مِن ذُرِّيَّةِ قَومٍ آخَرينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतुम्हारा रब निस्पृह, दयावान है। यदि वह चाहे तो तुम्हें (दुनिया से) ले जाए और तुम्हारे स्थान पर जिसको चाहे तुम्हारे बाद ले आए, जिस प्रकार उसने तुम्हें कुछ और लोगों की सन्तति से उठाया है